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हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में ऐसे बहुत से ऐसे शब्द होते हैं, जिन्हें हम खूब इस्तेमाल करते हैं लेकिन कभी ये नहीं जानने की कोशिश करते कि ये सही भी है या नहीं. कुछ शब्दों को तो हम ज़िंदगी भर गलत ही लिखते हैं. कई बार तो हमने किसी को ऐसा लिखते देखा, तो उसी को सही मान लिया. ऐसे ही एक शब्द को लिखने और बोलने का कनफ्यूज़न कुछ लोगों को जीवन भर बना रहता है – ‘अतिथि’ और ‘आगंतुक’.

हाल ही में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कोरा पर एक यूज़र ने पूछा कि हिंदी के शब्द ‘अतिथि’ और ‘आगंतुक’ में फर्क क्या होता है. इसके जवाब में यूज़र्स ने अपनी अलग-अलग राय रखी है. सबके अपने-अपने तर्क थे, जिससे जो तथ्य इसे लेकर सामने आए हैं, चलिए आपको बताते हैं कि इन दोनों शब्दों का इस्तेमाल कैसे और कहां होना चाहिए.

क्या फर्क है ‘अतिथि’ और ‘आगंतुक’ में?
आमतौर पर एक जैसे ही लगने वाले शब्दों ‘अतिथि’ और ‘आगंतुक’ में वाकई कुछ फर्क है भी या नहीं? लोग अक्सर इन्हें एक ही समझ बैठते हैं लेकिन जब गंभीरता से सोचें तो भ्रम पैदा हो जाता है. बहुत से यूज़र्स ने इस पर अपनी राय दी. कई स्रोतों को देखने के बाद जो मूल अंतर समझ में आता है, वो इस तरह से है. अतिथि शब्द का इस्तेमाल उनके लिए किया जाता है, जो सामान्य तौर पर पूर्व परिचित होता है, उन्हें हम किसी न किसी तरह से जानते हैं. ये आते तो अचानक हैं, लेकिन थोड़े समय तक ठहरने के लिए. चाहे ये कुछ घंटे हो या फिर कुछ दिन. वहीं आगंतुक कोई भी हो सकता है, जो आपके घर आ जाए. ये किसी खास काम से आया होता है और ज्यादा देर तक ठहरता नहीं है. मसलन डाकिया, सिलिंडर देने वाला, रास्ता पूछने वाला या फिर कुछ रिपेयर करने वाला.

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ये भी जानिए …
लोग दोनों ही शब्दों को एक ही भाव में इस्तेमाल कर लेते हैं लेकिन दोनों के बीच में फर्क है. आगंतुक अपना काम करके तुरंत चला जाता है और वो किसी खास मकसद से ही आया होता है. हालांकि उसने आने की पूर्व सूचना हो भी सकती है और नहीं भी. वहीं अतिथि आमतौर पर बिना किसी सूचना के भी आ सकते हैं या फिर अगर ठहरने के लिए आएंगे, तो उनका दिन पता हो सकता है लेकिन समय नहीं.

Tags: Ajab Gajab, Viral news, Weird news

FIRST PUBLISHED : January 22, 2024, 14:19 IST


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