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प्रभु श्रीराम

राम मंदिर अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है.

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श्रीराम के बाल स्वरूप की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया गया है.

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ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि रामलला की मूर्ति काले रंग की क्यों है.

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वाल्मीकि रामायण में भगवान राम के श्यामल रूप का वर्णन किया गया है.

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भगवान राम के स्तुति मंत्र में कहा गया है- नीलाम्बुज श्यामल कोमलांगम सीतासमारोपित वामभागम्। पाणौ महासायकचारुचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम्।।

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नीलकमल के समान श्याम और कोमल अंग हैं जिनमें सीता जी वाम भाग में विराजती हैं, जिनके हाथ में धनुष-बाण है.

प्रभु श्रीराम

श्याम शिला की आयु हजारों वर्ष की मानी जाती है. ऐसे में मूर्ति को जल, रोली, चंदन आदि से मूर्ति को नुकसान नहीं पंहुचेगा.

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यह जानकारी धार्मिक ग्रंथों और विभिन्न शस्त्रों पर आधारित है.


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