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नई दिल्ली. जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल आजकल सलाखों के पीछे हैं. फिलहाल वे मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में बंद हैं. हाल ही में एक स्पेशल कोर्ट ने उन्हें अपनी बीमार पत्नी से मिलने की मंजूरी दी थी. उनके जेल के बाहर आने पर एक तस्वीर मीडिया में आई जो सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हुई. इस तस्वीर में देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस समय में कितना हताश हैं. कभी आसमान से बातें वाले नरेश गोयल पहले की तुलना में काफी कमजोर भी दिखाई दे रहे हैं. एक समय था जब जेट एयरवेज देश की बड़ी एयरलाइन कंपनी थी लेकिन अब ये बंद पड़ी है और उनके फाउंडर की ये हालात हो गई है. आइए जानते हैं कि आखिर उनकी ये हालत क्यों हुई और वे क्यों जेल में बंद हैं.
नरेश गोयल 1967 में पटियाला से दिल्ली आए थे. तब वे केवल 18 साल के थे. पारिवार भी काफी गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रहा था. तब उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था. फिर परिवार को बदहाली से निकालने के लिए उन्होंने अपने चचेरे नाना की ट्रैवल एजेंसी में काम करना शुरू किया. ये कंपनी दिल्ली के कनॉट प्लेस में थी. यहीं पर काम करते हुए उन्होंने ट्रैवल एजेंसी का काम सीखा. फिर धीरे-धीरे वे ट्रैवल इंडस्ट्री में पांव पसारने लगे.
चार साल बाद ही खोल ही खुद की एजेंसी
केवल चार साल तक काम करने के बाद ही नरेश गोयल ने खुद की ट्रैवल एजेंसी खोल दी और इसे नाम दिया जेट एयर. तब कुछ लोग ट्रैवल एजेंसी का नाम एयरलाइन कंपनी जैसा रखने को लेकर मजाक भी उड़ाते थे. हालांकि, तब नरेश गोयल कहते थे कि वे एक दिन अपनी एयरलाइन कंपनी भी जरूर ओपन करेंगे. इसके बाद कई साल की मेहनत काम आई और वो दिन भी आया जब उन्होंने अपनी एयरलाइन कंपनी खोली.
ऐसे पहुंच फर्श पर
नरेश गोयल ने साल 1991 में एयर टैक्सी के तौर पर जेट एयरवेज की शुरुआत की थी. इसके बाद एक साल में ही कंपनी में चार फ्लाइट आ गए और जेट एयरक्राफ्ट की पहली उड़ान शुरू भी हो गई. वहीं, साल 2007 में एयर सहारा को टेकओवर करने के बाद 2010 तक जेट एयरवेज देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी रही थी. लेकिन, ये सुख कम ही दिन नरेश गोयल के हिस्से में रहा. क्योंकि कंपनी की मुसीबतें बढ़ने लगीं और साल 2019 में उन्हें पद से हटना पड़ा और इसी साल जेट एयरवेज का संचालन भी बंद हो गया.
केनरा बैंक की शिकायत पर दर्ज हुआ मामला
कर्ज तले दबे नरेश गोयल केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं. उन्हें ED यानी प्रवर्तन निदेशालय ने कथित बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में पिछले साल एक सितंबर को गिरफ्तार किया था. हाल ही में उन्हें एक स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था. तब उन्होंने पेशी के दौरान भावुक होकर आंखों में आंसू लिए कहा था कि ‘मैं जिंदगी की हर उम्मीद छोड़ चुका हूं. ऐसी स्थिति में जीने से बेहतर होता कि जेल में ही मुझे मौत आ जाए.’
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Tags: Bank fraud, Business news, Enforcement directorate
FIRST PUBLISHED : January 24, 2024, 20:01 IST
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